इच्छाओं की कंपकंपी से मुक्त विचार
575 0%
ichchhaon ki knpknpi se mukt vichar
And your fogs of bruised pleasure. In these intimate moments of body and mind,Your magnanimous soul, an accomplice of your nights
5 वर्षो पूर्व
टिप्पणियाँ
4
टिप्पणियाँ पोस्ट करने के लिए कृपया लॉग इन करें या पंजीकरण करें